बीकानेर के एक गांव में पक्षियों के लिए 11 मंजिल का अपार्टमेंट बनाया गया है। यहां वे अपना बसेरा तो बना ही सकेंगे, उनके नहाने के लिए स्विमिंग पूल भी होगा। चुगने के लिए दाने की कोई कमी नहीं होगी। अपार्टमेंट में पक्षियों ने अपना डेरा डालना शुरू भी कर दिया है। पक्षियों को तिनका-तिनका एकत्र करके घौंसला न बनाना पड़े, इसके मिट्टी के घरौंदे भी रखे गए हैं। गुल्लक जैसा दिखने वाले इस गुंबद वाली इमारत में करीब 1100 पक्षी रह सकेंगे। इसके निर्माण पर लगभग 5 लाख रुपए का खर्च आया है।
बीकानेर के श्रीडूंगरगढ़ के तौलियासर गांव में बन रहे इन अपार्टमेंट में पक्षियों के लिए हर सुविधा मुहैया कराई जा रही है। यह प्रयास गणेश राजपुरोहित का है। उनका मानना है कि पक्षियों को भी इंसानों की तरह जीने और रहने का हक है। ऐसे में उन्होंने बीकानेर-सरदारशहर मार्ग पर स्थित भैरव नंदी गौशाला में यह निर्माण शुरू किया। गुंबद में बने छोटे-छोटे स्पेस में सैंकड़ों पक्षी आराम से रह सकते हैं।\
रेडीमेड घरौंदे भी आकर्षण का केंद्र
कबूतरखाने तो बीकानेर में कई जगह बन गए हैं, लेकिन यह ‘बर्ड अपार्टमेंट‘ कुछ हटकर है। मिट्टी के सैकड़ों घरौंदों में पक्षियों के आने-जाने लायक पर्याप्त जगह छोड़ी गई है। छोटी-छोटी चिड़ियों ने इनमें रहना शुरू कर दिया है। चिड़िया आसानी से अपना घरौंदा पहचान लेती है। ये घरौंदे पेड़ पर, लोहे की जाली पर मजबूती से टांग दिए गए हैं।
अब बनेगा पक्षियों का स्विमिंग पूल
राजपुरोहित बताते हैं कि पक्षियों के लिए स्विमिंग पुल का निर्माण भी किया जा रहा है। उसमें कबूतर सहित अन्य पक्षी नहाने का आनंद ले सकेंगे। यह मार्च में ही तैयार हो जाएगा। पानी भी नियमित रूप से बदलने की व्यवस्था की जा रही है।
गांववालों और दानदाताओं ने किया विशेष सहयोग
तौलियासर गांव के उपसरपंच अमर सिंह राजपुरोहित ने बताया कि 12 मंजिला टावर और अन्य व्यवस्थाएं करने में करीब 5 लाख रुपए की लागत आई है। इन घरौंदों में 1100 से ज्यादा पक्षी निवास कर सकते हैं। गौशाला से जुड़े गणेश राजपुरोहित, डॉ. ललित कुमार सोमानी, राजाराम राजपुरोहित, कमल सिंह राजपुरोहित, ओम हरी सिंह के प्रयास और दानदाताओं के सहयोग से यह सब संभव हो पाया है।
जंगल में मंदिरों से मंगल
गौशाला में भगवान शिव, गणेश और शनि महाराज के दर्शन भी होंगे। यहां भगवान गणेश का मंदिर है। इसके अलावा एक अन्य मंदिर में 12 आकर्षक खिड़कियां, मुख्य द्वार, शिवलिंग आकार की पानी टंकी और श्री शनिदेव मंदिर के टीन शेड का निर्माण किया गया है। यह कार्य नैनसिंह व छोगसिंह के परिवारों ने कराया है। इसके साथ ही यहां बनी पानी की टंकी और प्याऊ को भी शिव लिंग का रूप दिया गया है, जो दर्शनीय है।
राजस्थान में पहले भी बन चुके हैं ऐसे अपार्टमेंट
राजस्थान में पहले भी पक्षियों के लिए ऐसा प्रेम सामने आ चुका है। इससे पहले नागौर और पाली समेत अन्य जिलों में भी पक्षियों के लिए इस तरह के अपार्टमेंट बन चुके हैं। यहां पक्षियों के अलावा दूसरे जानवरों के लिए भी व्यवस्थाएं की गई है।